जॉन अब्राहम ने मुख्य न्यायाधीश को भावुक पत्र लिखा, कुत्तों को ‘दिल्लीवाला’ बताया और पुनर्विचार की मांग की

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

जॉन अब्राहम ने आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CJI को भावुक पत्र लिखा, कुत्तों को ‘दिल्लीवाला’ बताया और पुनर्विचार की मांग की। जानें पूरी खबर।

जॉन अब्राहम, आवारा कुत्ते, सुप्रीम कोर्ट, CJI, पशु कल्याण, दिल्ली, एबीसी कार्यक्रम

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से आवारा कुत्तों को हटाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक नई बहस ने गति पकड़ ली है। इस मुद्दे पर पशु प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता और कलाकारों समेत विभिन्न वर्गों से कुत्तों के लिए सहानुभूति और समर्थन की आवाज़ उठ रही है। इसी संदर्भ में बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक संवेदनशील पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अदालत से इस आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

जॉन अब्राहम ने मुख्य न्यायाधीश को भावुक पत्र लिखा, कुत्तों को 'दिल्लीवाला' बताया और पुनर्विचार की मांग की
जॉन अब्राहम ने मुख्य न्यायाधीश को भावुक पत्र लिखा, कुत्तों को ‘दिल्लीवाला’ बताया और पुनर्विचार की मांग की

यहाँ से भारी डिस्काउंट पर सामान खरीदें


आवारा नहीं, सामुदायिक कुत्ते

जॉन अब्राहम ने अपने पत्र में यह जताया कि ये कुत्ते ‘दिल्लीवाले’ ही हैं, जो सदियों से इस क्षेत्र में निवास कर रहे हैं और केवल आवारा नहीं हैं। 52 वर्षीय अभिनेता ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को लिखे पत्र में कहा, “मैं आशा करता हूँ कि आप इस बात से सहमत होंगे कि ये कुत्ते लावारिस नहीं, बल्कि समुदाय के सदस्य हैं जिन्हें कई लोग स्नेह और सम्मान देते हैं। वे इंसानों के पड़ोसी के रूप में पीढ़ियों से यहां मौजूद हैं।” उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर में आठ सप्ताह के भीतर सभी कुत्तों को शेल्टर में ले जाया जाए।

See also  Shani Vakri 2025: इन राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या का साया, जानें बचाव के उपाय

विज्ञान आधारित समाधान की मांग

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन और पशु नसबंदी तथा टीकाकरण के ABC (Animal Birth Control) नियम 2023 का हवाला देते हुए कहा कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उनके निवास स्थान पर वापस छोड़ा जाना चाहिए। जॉन ने कुत्तों के प्रति करुणा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और भारतीय कानूनी प्रावधानों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर ध्यान आकर्षित किया कि लाखों कुत्तों की अनुपस्थिति से क्या प्रभाव पड़ेगा और इससे मानव स्वास्थ्य पर संभावित खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।

एबीसी कार्यक्रम की सफलता

उन्होंने यह भी बताया कि जहां ABC कार्यक्रम को ईमानदारी से लागू किया गया है, वहां इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली भी इस दिशा में कार्य कर सकती है। नसबंदी के बाद कुत्तों को रेबीज के टीके लगाए जाते हैं, जिससे वे शांत स्वभाव के हो जाते हैं और कांटने या हमला करने की घटनाएं कम हो जाती हैं। चूंकि कुत्ते अपने इलाके को पहचानते हैं, इसलिए वे बिना नसबंदी और टीकाकरण वाले कुत्तों को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं देते।” अभिनेता ने यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाना समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।

पशु प्रेम के लिए जाने जाते हैं जॉन

जॉन अब्राहम को ‘पिपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स’ (PETA) इंडिया का पहला मानद निदेशक नियुक्त किया गया है और वे पशुओं, खासकर कुत्तों के प्रति अपने गहरे प्रेम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहले भी कई बार न्यायालय में इनके लिए पक्ष रखा है। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पृथ्वी पर कोई भगवान हैं तो वे कुत्ते ही हैं।

See also  Voter ID Card Online Apply 2025: घर बैठे वोटर ID कार्ड कैसे बनाएँ, पूरी प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ और महत्वपूर्ण जानकारी

इस पूरे विषय पर जारी बहस में जॉन की यह पहल कुत्तों के अधिकारों और उनके संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट जॉन अब्राहम की इस भावुक अपील पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करता है। यह मामला पशु अधिकारों और शहरों में आवारा कुत्तों के प्रबंधन के महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाता है।

Leave a Comment

Close Ad